काश यूं ह आँखें जो खोलूँ पास तू ह मूंद लूँ ज नैना तो मेरा ख्वाब तू ह सीने से दिल करके रिहा र तेरे हवाले हम हुए पहली दफा ऐसा हुआ र हँसते हुए भी नम हुए दिल हारेया वे, मैं जानेया व साथ तेरा क्यूँ ज़रूरिया व दिल हारेया वे, मैं जानेया व साथ तेरा क्यूँ ज़रूरिया व दिल हारेया वे, मैं जानेया व साथ तेरा क्यूँ ज़रूरिया व (ज़रूरी, ज़रूरिया वे) मेरी लकीरों में तो ख़ामियाँ थ थामा जो तूने तो ख़ूबियाँ लग ख़ाली मकानों सी गुमनामियाँ थ दिल तेरे आने से आशियाँ लग मेरी लकीरों में तो ख़ामियाँ थ थामा जो तूने तो ख़ूबियाँ लग ख़ाली मकानों सी गुमनामियाँ थ दिल तेरे आने से आशियाँ लग तेरे जैसा है कोई कहाँ र तेरे इश्क़ से भी इश्क़ हुआ र सूफ़ियाना लगे दिल की नादानिय दिल हारेया वे मैं जानेया व साथ तेरा क्यूँ ज़रूरिया व दिल हारेया वे मैं जानेया व साथ तेरा क्यूँ ज़रूरिया व ज़रूरिया वे, ज़रूरिया व (ज़रूरी, ज़रूरिया वे)