हो हो ह आधा तेरा इश्क़ आधा मेर ऐसे हो पूरा चंद्रम हो तारा तेरा एक तारा मेर बाक़ी अंधेरा आसमान ना तेरे संग लग बांधे जो पीपल पे धाग ये सुरमे के धार बहते है नज़रे बचाक बदरंग में सतरंगा है ये इश्क़ र जोगी मैं और गंगा है ये इश्क़ र बदरंग में सतरंगा है ये इश्क़ र जोगी मैं और गंगा है ये इश्क़ र हो हो ह माथे से लगा लूं हाथ छूके मैं पैर तेर हो रख लूं मैं तन पे ज़ख़म बना सारे बैर तेर रुकना नी तू हुन रुसना नी म तेरा नी रेहा ते ना ख़ुद दा वी म दुनिया तू ही है मेर पर ना आना, अब ना आन मैं नी आना शहर तेर जो फेरे संग लग रखते वो हमको जलाक वो वादे झूठे वाद ले जा तू कस्मे लगाक रग रग में मलंगा है ये इश्क़ र क्यूँ लहू में ही रंगा है ये इश्क़ र हो बदरंग में सतरंगा है ये इश्क़ र जोगी मैं और गंगा है ये इश्क़ र हो हो ह तू मेरी सारी याद पानी में आज बहा द ये तेरी भीगी आँख रख लूं लबों से लगाक मैं समंदर परिंदा है ये इश्क़ र मन मातम और ज़िंदा है ये इश्क़ र हो बदरंग में सतरंगा है ये इश्क़ र जोगी मैं और गंगा है ये इश्क़ र हो हो बदरंग में सतरंगा है ये इश्क़ र जोगी मैं और गंगा है ये इश्क़ र