जिद्दी हैं हम नहीं मानेंग करते ही जाएंगे बदमाशिय कह दो ये ज़माने वालों स ना ये छीनें हमसे आज़ादिय है दिल में जो कहना ह हैं जैसे, वैसे ही रहना ह हो एक ज़िंदगी ह ज़्यादा नहीं पर थोड़ा तो बिगड़ेंग हम नहीं सुधरेंगे, हम नहीं सुधरेंग थोड़ा और बिगड़ेंगे, हम नहीं सुधरेंग हम नहीं सुधरेंगे, हम नहीं सुधरेंग थोड़ा और बिगड़ेंगे, हम नहीं सुधरेंग अपने हैं बेपरवाह इरादे सभ पन्ने ये फिक्रों के उड़ा दे अभ कैसे जीना सबको सिखा दे अभ अपने हैं बेपरवाह इरादे सभ पन्ने ये फिक्रों के उड़ा दे अभ कैसे जीना सबको सिखा दे अभ ह है यारी हवाओं स उड़ेंगे नई अदाओं स हो एक बार हम जो चढ़ेंगे सर प कभी ना उतरेंग हम नहीं सुधरेंगे, हम नहीं सुधरेंग थोड़ा और बिगड़ेंगे, हम नहीं सुधरेंग हम नहीं सुधरेंगे, हम नहीं सुधरेंग थोड़ा और बिगड़ेंगे, हम नहीं सुधरेंग लम्हे शरारत क ना जाने देंग अपनी खुशी में ग़म ना आने देंग हम ज़िंदगी को मुस्कुराने देंग हो लम्हे शरारत क ना जाने देंग अपनी खुशी में ग़म ना आने देंग हम ज़िंदगी को मुस्कुराने देंग वोह ओह वोह ख़्वाबों की बारिश म हम भीगेंगे ख़्वाहिश म हम्म पहले किया ना हमने यहाँ ज वो कर गुज़रेंग हम नहीं सुधरेंगे, हम नहीं सुधरेंग थोड़ा और बिगड़ेंगे, हम नहीं सुधरेंग हम नहीं सुधरेंगे, हम नहीं सुधरेंग थोड़ा और बिगड़ेंगे, हम नहीं सुधरेंग