बलमा माने न बैरी चुप न रह लागी मन की कह पाके अकेल मोरी बाहियाँ धर बैरी चुप न रह लागी मन की कह पाके अकेल मोरी बाहियाँ धर जब जब पलातूं गागर भर के आ लत रह जाए मुख पे बिखर क बात करे ऐसी दिल वाल तड़पे और तड़पाए बलमा माने न बैरी चुप न रह लागी मन की कह पाके अकेल मोरी बाहियाँ धर घूंघट डारूं नैन चुराऊ घबराहट में राह न पाऊ वो बांका रसिया मतवाल सुने न मोरी अपनी ही कह बलमा माने न बैरी चुप न रह लागी मन की कह पाके अकेल मोरी बाहियाँ धर