बलमा माने न

बैरी चुप न रह
लागी मन की कह
पाके अकेल
मोरी बाहियाँ धर

बैरी चुप न रह
लागी मन की कह
पाके अकेल
मोरी बाहियाँ धर

जब जब पलातूं गागर भर के आ
लत रह जाए मुख पे बिखर क
बात करे ऐसी दिल वाल
तड़पे और तड़पाए

बलमा माने न
बैरी चुप न रह
लागी मन की कह
पाके अकेल
मोरी बाहियाँ धर

घूंघट डारूं नैन चुराऊ
घबराहट में राह न पाऊ
वो बांका रसिया मतवाल
सुने न मोरी अपनी ही कह

बलमा माने न
बैरी चुप न रह
लागी मन की कह
पाके अकेल
मोरी बाहियाँ धर
    Página 1 / 1

    Letras y título
    Acordes y artista

    restablecer los ajustes
    OK