Filhaal

MITRAZ

Composición de: Pratik Singh/Anmol Ashish
कल का है पता मेरे पास रख
गुमशुदा फिर क्यूं है दिल
कैसी ये दगा खुद को दे रह
के जीना बने मुश्किल

कोई आवे मैनु ले जावे कहीं दूर
जहा नैना पराए होवे ये आंस

पर फिलहाल ये बरसातें ही छुपाती ये धुन
गहरे मोहब्बत की है इन आँखों में कसर

कोई आवे मैनु ले जावे कहीं दूर
जहा नैना पराए होवे ये आंस

जो चाहा दिल से वो दुआ भी है तू ह
सहारा मेरा हर किनारे पे तूह
दस्तक देता रहा दर पे खामोश स
उम्मीद रखता है सज

कोई आवे मैनु ले जावे कहीं दूर
जहा नैना पराए होवे ये आंस

पर फिलहाल ये बरसातें ही छुपाती ये धुन
गहरे मोहब्बत की है इन आँखों में कसर
फिलहाल ये खामोशी दिल के गिने पहर
गहरे मोहब्बत की है इन आँखों में कसर

कोई आवे मैनु ले जावे कहीं दूर
जहा नैना पराए होवे ये आंस
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