अरे चली चली हाये किधर चल अरे ओह मंचली ओह अनारकल ऐसे लचक लचक क मटक मटक के भटक रही तू गल तेरे ठुमके पे झुमके झूम झूम क दिल में उठाए खलबल चांदी जैसा रंग है मेर सोने जैसे बाल खबर मेरी सारी दुनिया क तू ही न पूछे हाल हाँ चांदी जैसा रंग है मेर सोने जैसे बाल खबर मेरी सारी दुनिया क तू ही न पूछे हाल तुझ बिन तन्हा पड़ गई म हाये प्यासी ही मर गई म थोड़ी सी ठंडक मेरे भ कलेजे को दिला द ज़ालिमा कोका कोला पिला द ज़ालिमा कोका कोला पिला द आग तूने जो लगाई बुझा द ज़ालिम काहे को ऐसे रोके दिल हो बेकार ज तेरी ही खातिर बैठी हूँ मैं तैयार ज मांगूं ना गहना तुझसे हीरा मोती वाल काहे कहूं कि कोई जोड़ा सिला द ज़ालिम ज़ालिमा कोका कोला पिला द ज़ालिमा कोका कोला पिला द आग तूने जो लगाई बुझा द ज़ालिम ज़ालिमा कोका कोला पिला द ज़ालिमा कोका कोला पिला द आग तूने जो लगाई बुझा द ज़ालिम