पिया तू काह
ऐसा दर्द चाह
पिया तू काह
ऐसा दर्द चाह
पिया तू काह
ऐसा दर्द चाह
जो मिलके कभी भ
मिट न सक
जो छूके कभी भ
छुप न सक
जलता रह
तेरी आँखों म
पिघलता रह
तेरी यादों म
धीरे धीर
लम्हा जी ल
उस पल म
तुम आ रहे ह
ख़ामोशी स
आँखें मुंद
छुपके स
मुस्कुरा रहे ह
मेरे दो नैन
और यह रैन
ढूंढे है क़रार स
मौसम म
छुप पाए न
मिल जाए न
तेरा वोह प्यार
जो झूठा है न
पिया तू काह
ऐसा दर्द चाह
पिया तू काह
ऐसा दर्द चाह
पिया तू काह
ऐसा दर्द चाह
सुकून मेरे दिल क
इज़हार का ख़याल तेर
जुनून मेरे दिल क
इकरार का जवाब तेर
उफ़ ये ख़याल मुस्कुराने क
तेरा दिल से जाए न
ख़ामोशी में घुंगुनाने क
मिज़ाज है न पश्मीन
दिल को चुराके अपना बना ल
और ले जा मुझे दूर तू कह
कह पाऊँ जहाँ तुझसे म
पिया तू काह
ऐसा दर्द चाह
पिया तू काह
ऐसा दर्द चाह
पिया तू काह
ऐसा दर्द चाह
जो मिलके कभी भ
मिटना सक
जो छूके कभी भ
छुपना सक
ह