बलमा माने न
बैरी चुप न रह
लागी मन की कह
पाके अकेल
मोरी बाहियाँ धर
बैरी चुप न रह
लागी मन की कह
पाके अकेल
मोरी बाहियाँ धर
जब जब पलातूं गागर भर के आ
लत रह जाए मुख पे बिखर क
बात करे ऐसी दिल वाल
तड़पे और तड़पाए
बलमा माने न
बैरी चुप न रह
लागी मन की कह
पाके अकेल
मोरी बाहियाँ धर
घूंघट डारूं नैन चुराऊ
घबराहट में राह न पाऊ
वो बांका रसिया मतवाल
सुने न मोरी अपनी ही कह
बलमा माने न
बैरी चुप न रह
लागी मन की कह
पाके अकेल
मोरी बाहियाँ धर